कोरोना में निचले तबकों में बढ़ी मनोरोगियों की तादाद
Web Trackitteam2022-02-18T11:45:35+00:00दिल्ली में आजकल शादियों का दौर जोरो पर है और कोरोना का भी। लोग बेपरवाह हो रहे हैं और कोरोना अपनी जड़े जमा रहा है। हैरानी की बात यह है कि सोशल डिस्टेंसिंग के इस जमाने में शादियों में पहले की ही तरह बैंड-बाजे, ढोल, घोड़ा सबका इंतजाम है। कोरोना काल में बैंड बजाने वाले दूसरों की खुशियों में शामिल तो हो रहे है लेकिन, दिमाग में उनके कुछ और ही चल रहा है। कोरोना के नौ महीने ठप्प पड़े इनके काम ने इन्हें कई मानसिक विकारों की तरफ धकेल दिया है। कोरोना दौर से पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने 2020 तक भारत में करीब 20 फीसद आबादी के मानसिक रोगियों में तब्दील होने का खतरा बताया था। लेकिन, इसी साल आई महामारी और इससे मची अफरा-तफरी में क्या सिर्फ 20 फीसद आबादी को ही मानसिक विकार हुए होंगे।